साथियों नमस्कार
आप सभी को बुद्धपूर्णिमा की ढेर सारी शुभकामनाएं
साथियो 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व भारत में अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि जैनधर्म तथा बौद्ध धर्म का उदय अपने मूल धर्मं में व्याप्त कर्मकांडो तथा रूढ़ियों के विरुद्ध प्रथम प्रतिक्रियावादी आंदोलन के रूप में उभरे|
गौतम बुद्ध ने नया धर्म नहीं बल्कि नए विचार दिए उन्होंने ने कभी नए धर्मं की बात नहीं की
जीवन जीने के लिए खासकर जनसाधारण के लिए आष्टांगिक मार्ग बताया|
जीवन का दर्शन --जीवन मे दुःख ही दुःख है
दुःख का कारण इच्छा है |
कहने का तात्पर्य जीवन भर हम अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये हैरान परेशान रहते है यही हमारे दुःख कारण होता है इस जीवन मे हम कभी भी अपनी चीजों से संतुष्ट नहीं होते|
बुद्ध ने जीवन जीने का सरल आसान तथा जनसाधारण के लिए विचार दिया
बुद्ध ने जातिय संकीर्णता के बंधन को ढीला करने का प्रथम प्रयास किया
आज बुद्धिज़्म भारत के बाहर साउथ ईस्ट एशिया में जापान चीन श्रीलंका तथा 20 से अधिक देशों का धर्म है
भारत में बुद्धिज़्म 8 वीं शताब्दी तक प्रमुखता से बना रहा किन्तु 12 वीं शताब्दी के बाद इसका प्रभाव कम होता चला गया
14 अक्टूबर 1956 को डॉ भीम राव अम्बेडकर ने जब 1935 मे किये घोषणा अनुसार बौद्ध धर्म अपनाया तो नागपुर मे उनके साथ 6लाख लोगों ने बौद्धधर्म अपनाया
आज भारत में सर्वाधिक बौद्ध धर्म के अनुयायी महाराष्ट्र
उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में है|
अंत में पुनः बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं
आपका
पंकज सिंह
9425856391
9827116357
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